मेरी
तुम्हारी दुनिया
मेरी तरह तुम्हारी भी होगी एक दुनिया,
उसमें होंगी कई सारी खिड़कियां,
जिनमें झांकते होंगे अनगिनत चेहरे।
कुछ तुमने सजाएं, कुछ ने खुद बखुद अपनी जगह बना ली।
तुमने मेरी तरह एक चैाखट भी बनाई होगी,
और उसे बार बार तोड़ने की भी कोशिश की होगी,
फिर झल्ला कर, खुद को कोसते, बैठ जाते होगेे अपने कोने में।
मेरी तरह तुमने अपना वो कोना भी बनाया होगा,
जिसकी दीवारों की दरारों को भरने का वक्त तुम्हें नहीं मिल पाता।
तुमने मेरी तरह, खिड़कियों में लहराते पर्दो में कुछ फूल भी टांके होंगे
जिनके बीच से झांकते चेहरे, उन फूलों को चुन कर ले जाते होंगे।
दरवाजों के पीछ मेरी तरह तुमने कुछ कीलें भी लगाई होंगी,
जिस पर रोज रात टांगते होगे दिन भर की थकान को।
तुमने बीचो बीच एक मेज भी लगाई होगी,
मेरी तरह तुम भी आगंतुको के आने पर जिस पर रखी फूलदानी मे
सजाते होगे अपने बगीचे के कुछ फूल।
मेरी तरह तुम्हारा एक बिस्तर भी होगा
जिसकी सफेद चादर को इंद्रधनुषी रंगों से तुम रंगना चाहते होगे।
पर सिलवटों को संभालने में सारी रात निकल जाती होगी।
कई बार तुम्हारी दुनिया से उड़ती हुई आई चिड़िया,
मेरी दुनिया के मुंडेर पर बैठ जाती है
शायद रास्ता भूल जाती है, एक जैसी जो है हमारी दुनिया!
-----अमृता
उसमें होंगी कई सारी खिड़कियां,
जिनमें झांकते होंगे अनगिनत चेहरे।
कुछ तुमने सजाएं, कुछ ने खुद बखुद अपनी जगह बना ली।
तुमने मेरी तरह एक चैाखट भी बनाई होगी,
और उसे बार बार तोड़ने की भी कोशिश की होगी,
फिर झल्ला कर, खुद को कोसते, बैठ जाते होगेे अपने कोने में।
मेरी तरह तुमने अपना वो कोना भी बनाया होगा,
जिसकी दीवारों की दरारों को भरने का वक्त तुम्हें नहीं मिल पाता।
तुमने मेरी तरह, खिड़कियों में लहराते पर्दो में कुछ फूल भी टांके होंगे
जिनके बीच से झांकते चेहरे, उन फूलों को चुन कर ले जाते होंगे।
दरवाजों के पीछ मेरी तरह तुमने कुछ कीलें भी लगाई होंगी,
जिस पर रोज रात टांगते होगे दिन भर की थकान को।
तुमने बीचो बीच एक मेज भी लगाई होगी,
मेरी तरह तुम भी आगंतुको के आने पर जिस पर रखी फूलदानी मे
सजाते होगे अपने बगीचे के कुछ फूल।
मेरी तरह तुम्हारा एक बिस्तर भी होगा
जिसकी सफेद चादर को इंद्रधनुषी रंगों से तुम रंगना चाहते होगे।
पर सिलवटों को संभालने में सारी रात निकल जाती होगी।
कई बार तुम्हारी दुनिया से उड़ती हुई आई चिड़िया,
मेरी दुनिया के मुंडेर पर बैठ जाती है
शायद रास्ता भूल जाती है, एक जैसी जो है हमारी दुनिया!
-----अमृता